लखनऊ -उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और बिजली अधिकारी कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ देर रात 3 घंटे तक चली वार्ता बेनतीजा समाप्त हो गई है, कर्मचारी यूनियनों ने अपनी पूर्व घोषित हड़ताल जारी रहने की घोषणा की है, वही रविवार सुबह एक बार फिर मंत्री और यूनियन के बीच वार्ता होगी।
प्रदेश में बिजली कर्मचारी और अधिकारी यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल जारी है, जिसके चलते पूरे प्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में अघोषित बिजली कटौती से जनता बिलबिलाई हुई है। पानी की भी समस्या है, जिसको लेकर अलग-अलग जिलों में लोग सड़क पर उतर रहे हैं।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने शनिवार दोपहर बिजली कर्मचारियों को शाम 6:00 बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी दी थी और कहा था कि यदि 6:00 बजे के बाद कर्मचारी काम पर नहीं लौटेंगे तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा लेकिन कर्मचारी यूनियनों पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने साफ कर दिया कि चाहे गिरफ्तारी हो, चाहे निलंबन वह किसी भी कीमत पर अपनी हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे।
6 बजे की समय सीमा समाप्त होने के बाद मुजफ्फरनगर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई, जिसमें संविदा कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराए गए लेकिन वह हड़ताल से वापस नहीं लौटे।
यूपीपीसीएल एमडी पंकज कुमार ने कर्मचारी यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष जितेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया, मुजफ्फरनगर में भी 10 बिजली कर्मचारियों के विरुद्ध एस्मा की कार्यवाही की गई है। महाराजगंज में भी 10 लाइनमैन अउ एसएसओ को बर्खास्त किया गया है, बलिया में भी कर्मचारियों के विरुद्ध इसी तरह की कार्रवाई की गई।
जिसके बाद देर रात ऊर्जा मंत्री ने कर्मचारी यूनियन को अपने आवास पर वार्ता के लिए बुलाया, 3 घंटे चली इस वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकला और कर्मचारी यूनियनों ने रविवार शाम तक जारी अपनी हड़ताल जारी रखने की घोषणा की। इसी बीच बताया गया है कि रविवार सुबह एक बार फिर कर्मचारी यूनियन और ऊर्जा मंत्री की वार्ता होगी।
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News Source: https://royalbulletin.in/talks-between-energy-minister-and-power-workers-were-inconclusive-many-power-officers-suspended-including-central-president/22154