
परिषदीय विद्यालयों के लाखों बच्चों को नि:शुल्क गणवेश, स्वेटर, जूते-मोजे व थैले उपलब्ध कराने के एवज में इस बार उनके अभिभावकों के खाते में पैसा भेजा जाना है। इससे शिक्षकों को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों का हाथ उठाने के बाद अब विभाग उन्हें तकनीकी विशेषज्ञ देगा।Read Also:-उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: चुनाव ड्यूटी कर्मियों की मौत पर परिजनों को मिलेंगे 30 लाख रुपये
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अकेले कानपुर शहर में कंपोजिट स्कूलों सहित 1778 स्कूल हैं। इनमें 1.70 लाख से ज्यादा छात्र हैं। कोरोना काल में अभिभावकों को एमडीएम के बदले खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। रूपांतरण लागत की राशि माता-पिता के खातों में भेजी गई थी। अभी भी बड़ी संख्या में अभिभावक इस राशि का इंतजार कर रहे हैं। नए सिरे से स्कूलों को आधार सहित कई अन्य विवरणों के साथ सभी छात्रों के नाम फीड करने थे। यह प्रक्रिया मोबाइल के जरिए पूरी की गई। सुस्त सर्वर को शिक्षकों के लिए काफी समय लगा, क्योंकि इसे आधार से मिलान करने की जरूरत थी।

अब पीएफएमएस पोर्टल पर फीडिंग
शिक्षकों को पीएफएमएस पोर्टल पर प्रेरणा एप से सूचियां डाउनलोड कर अपलोड करनी होंगी। जो शिक्षक तकनीकी ज्ञान में बहुत कुशल नहीं हैं, उन्होंने अब हाथ खड़े कर दिए हैं। प्रदेश में पांच तकनीकी विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं, जिनमें कानपुर संभाग के जिलों की जिम्मेदारी अमृत कुमार जायसवाल के पास है. निर्देश हैं कि उनकी टीम तकनीकी दिक्कतों के लिए शिक्षकों की मदद करेगी.

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