नयी दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों में स्थायी प्राचार्यों की नियुक्ति के लिए स्क्रीनिंग शुरू हो गई है। करीब 20 अलग-अलग कॉलेजों में स्थायी प्राचार्यों की नियुक्ति की जानी है। इनमें से अधिकतर कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित हैं। इनमें से एक भारती कॉलेज ने प्राचार्य पद के लिए स्क्रीनिंग के बाद नामों को शॉर्टलिस्ट कर वेबसाइट पर डाल दिया है। प्राचार्य पद के लिए साक्षात्कार की तिथि 10 मार्च निर्धारित की गई है। माना जा रहा है कि 10 मार्च के बाद अन्य सभी कॉलेजों में भी भर्ती की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। फोरम ऑफ एकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने लंबे समय से कॉलेजों में खाली पड़े प्राचार्य पदों पर नियुक्ति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि विगत कई वर्षों से इन कॉलेजों में कार्यवाहक या ओएसडी प्राचार्य कार्यरत हैं. स्थाई प्राचार्य मिलने के बाद शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर स्थायी नियुक्ति की संभावना बढ़ जाएगी।
सुमन ने बताया है कि भारती कॉलेज ने प्रिंसिपल के पद की स्क्रीनिंग और स्क्रूटनी के बाद अपनी वेबसाइट पर 25 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया है. इनमें से 20 अभ्यर्थी एपीआई स्कोर के तहत सही पाए गए हैं। 05 उम्मीदवारों को शिक्षण अनुभव, शोध लेख, शैक्षिक प्रमाण पत्र की कमी के कारण खारिज कर दिया गया है। हालांकि, कॉलेज ने उन्हें किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए समय दिया था।
भारती कॉलेज के बाद श्री अरबिंदो कॉलेज, सत्यवती कॉलेज, अरबिंदो कॉलेज, भगत सिंह कॉलेज (शाम) राजधानी कॉलेज, शिवाजी, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, मैत्रिय कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, भीमराव अंबेडकर हैं। कॉलेज, अरबिंदो कॉलेज (शाम) आदि कॉलेजों में प्राचार्य के पद की स्क्रीनिंग व स्क्रूटनी का काम पूरा किया जा रहा है. जल्द ही इसकी जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी।
दरअसल, दिल्ली यूनिवर्सिटी के तहत आने वाले 20 से ज्यादा कॉलेजों में प्रिंसिपल के पद खाली पड़े हैं. इनमें से ज्यादातर दिल्ली सरकार के कॉलेज हैं जहां कार्यवाहक प्रिंसिपल या ओएसडी 5 साल या उससे अधिक समय से काम कर रहे हैं। इन कॉलेजों में विवेकानंद कॉलेज, महाराजा अग्रसेन कॉलेज, महर्षि बाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन, भीमराव अंबेडकर कॉलेज, शहीद भगत सिंह कॉलेज (शाम), श्री अरबिंदो कॉलेज, श्री अरबिंदो कॉलेज (शाम), मोतीलाल नेहरू कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज (शाम) शामिल हैं। सत्यवती कॉलेज, कॉलेज (शाम) राजधानी कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, भगिनी निवेदिता कॉलेज, आचार्य नरेंद्रदेव कॉलेज, भारती कॉलेज, इंदिरा गांधी फिजिकल एंड स्पोर्ट्स कॉलेज, मैत्रिय कॉलेज, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, गार्गी कॉलेज, कमला नेहरू कॉलेज हैं। इसके अलावा शामलाल कॉलेज (शाम) भी बिना स्थायी प्राचार्य के चल रहा है।
डॉ. सुमन ने बताया है कि दिल्ली सरकार के ज्यादातर कॉलेजों में लंबे समय से प्राचार्य के पद खाली पड़े हैं, तो कुछ में 5 साल या उससे भी ज्यादा समय से. इसी प्रकार प्रधानाध्यापकों के पदों पर नियुक्ति न होने के कारण शिक्षण एवं गैर शिक्षण पदों की स्थायी रिक्तियां सृजित नहीं की गयीं, कुछ सृजित कर दी गयीं तथा पूर्ण आरक्षण नहीं दिया गया। प्राचार्यों के कारण पुस्तकालय में गैर शिक्षक नियुक्तियां भी नहीं की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि ओबीसी द्वितीय खेप के टीचिंग व नॉन टीचिंग पद आज तक नहीं भरे जा सके हैं. उन्होंने डीयू के वाइस चांसलर से कहा कि जल्द से जल्द कॉलेजों में प्राचार्यों की नियुक्ति में आरक्षण देकर प्राचार्यों के पदों को हटाया जाए ताकि सामाजिक न्याय का सही तरीके से पालन हो सके.
.
News Source: https://royalbulletin.in/the-process-of-appointment-of-principals-is-starting-in-20-colleges-of-delhi-university-till-now-there-were-no-permanent-principals/17766