मुजफ्फरनगर। जिले की सियासत में एक बार फिर भूचाल आने के आसार हैं। ऐसी चर्चा है कि पूर्व सांसद कादिर राणा और राजपाल सैनी पाला बदल सकते हैं और होली के बाद हाथी की सवारी कर सकते हैं। हालांकि दोनों पूर्व सांसदों ने बसपा में शामिल होने की खबरों को अफवाह बताते हुए सपा और रालोद छोड़ने से इनकार कर दिया है.
जिले में मुस्लिम वर्ग की राजनीति में कादिर राणा ने 1993 में सदर विधानसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर पराजित होने के बावजूद सर्वाधिक वोट पाकर खुद को स्थापित किया था. उसके बाद भाजपा सरकार के दौरान उन्होंने सपा के टिकट पर स्थानीय निकाय एमएलसी का चुनाव जीता और उच्च सदन में प्रवेश किया।
उन्होंने 2009 में बसपा के टिकट पर मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव जीता था। हालांकि इससे पहले वे रालोद के टिकट पर मोरना सीट से चुनाव जीतकर विधायक भी बने थे, लेकिन 2013 के दंगों के बाद बदले राजनीतिक हालात कादिर राणा के अनुकूल साबित नहीं हुए.
2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें बसपा के टिकट पर हार मिली थी। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उनकी पत्नी सईदा बेगम को बुढ़ाना सीट से हार का सामना करना पड़ा था. 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से कादिर राणा की राजनीति को झटका लगा और फिर वे सपा में शामिल होकर सक्रिय हो गए.
इसी बीच अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए कादिर राणा के बसपा में शामिल होने की चर्चा फैल गई, जिस पर पूर्व सांसद कादिर राणा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह सपा नहीं छोड़ रहे हैं और कहीं नहीं जा रहे हैं. शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है, यह सब अफवाह है।
जिले की राजनीति में भी राजपाल सैनी का किरदार काफी अहम है। वह पच्चीस वर्षों से अधिक समय से राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं। जब देश में जनता दल गठबंधन की सरकार बनी तो राजपाल सैनी जिला स्तर पर पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते थे। जनता दल से सपा और बसपा तक का सफर तय किया।
इस दौरान राजपाल सैनी मोरना से विधायक चुने गए तो उन्हें बसपा सरकार में मंत्री पद भी मिला। इसके बाद बसपा प्रमुख मायावती ने राजपाल सैनी पर भरोसा जताते हुए उन्हें राज्यसभा भेजा, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले वे बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए. राजनीतिक घटनाक्रम में राजपाल सैनी ने खतौली सीट से रालोद के टिकट पर 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। राजपाल सैनी ने भी सपा छोड़कर बसपा में शामिल होने की खबरों का खंडन किया है.
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News Source: https://royalbulletin.in/there-is-a-stir-in-muzaffarnagars-politics-due-to-the-change-of-two-veterans-again/17111