श्रीराम मंदिर आंदोलन में कस्बा सरसावा भी सुर्खियों में रहा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और तत्कालीन विहिप अध्यक्ष विष्णु हरी डालमिया सहित 12 शीर्ष नेताओं को सरसावा में बनी अस्थायी जेल में नजरबंद रखा गया था। तब सरसावा की किसान सहकारी चीनी मिल के अतिथि गृह को अस्थायी जेल में परिवर्तित कर दिया गया था।
अतिथि गृह की देखभाल करने वाले सुमन सिंह बताते हैं कि सभी नेताओं को 1990 में 24 अक्तूबर से पांच नवंबर तक यहां रखा गया था। तब भाजपा, विहिप एवं बजरंग दल के आह्वान पर कारसेवक अयोध्या कूच करने के लिए तत्पर थे, लेकिन आंदोलन को रोकने के लिए तत्कालीन सरकार भी कड़े निर्णय ले रही थी। जिस पर कड़ी सतर्कता रही थी।
आज भी दर्ज है पूरा ब्योरा
अतिथि गृह में नजरबंद रहे नेताओं की फोटो लगी है, जिस पर उनका ब्योरा दर्ज है। उनमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, विहिप के तत्कालीन अध्यक्ष विष्णु हरी डालमिया, विहिप उपाध्यक्ष बीपी तोषनौवाल, कोषाध्यक्ष पुल्ला रेड्डी, भानुपुरा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी दिव्यानंद तीर्थ, तत्कालीन सांसद गुमानमल, विहिप की अंतरराष्ट्रीय नेता अमेरिका निवासी अंजली बहन, रामनिवास ढंढारिया, आरएसएस के बसंत राय ओक, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव केदारनाथ साहनी, तिलक राज गुप्ता, शिवकुमार और आरके गुप्ता आदि रहे थे।