रूपक हत्याकांड में डेढ़ माह बाद भी लाश बरामद करने में फेल पुलिस ने रूपक के परिजनों पर अनशन तोड़ने का दबाव बनाया। सीओ और एसीएम पुलिस फोर्स के साथ रूपक के घर पहुंचे और उसकी मां को खींचकर गाड़ी में डालने का प्रयास किया। इसके बाद परिजनों ने जैसे-तैसे महिला को मुक्त कराया। फिलहाल रूपक की मां का अनशन समाप्त करा दिया गया है।
कंकरखेड़ा के फाजलपुर निवासी आईटीआई छात्र रूपक की डेढ़ महीने पहले उसके ही दोस्तों ने अपहरण कर हत्या कर दी थी। शव के कई टुकड़े करके रोहटा क्षेत्र में बोरवेल में फेंक दिए थे। पुलिस अभी तक शव के टुकड़ों को बरामद नहीं कर पाई है। रूपक की मां मितलेश शव बरामदगी के लिए अपने परिवार के कुछ सदस्यों के साथ अपने ही घर के बाहर आमरण अनशन पर बैठी है।
पीड़ित परिवार ने मांग है कि पुलिस प्रशासन बोरवेल की खुदाई कराकर रूपक के शव के टुकड़े बाहर निकाले। मगर पीड़ित परिवार को सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा था। वहीं गुरुवार को एसीएम सुनीता सिंह सीओ दौराला पंकज सिंह, इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा बीएस राणा महिला पुलिसकर्मियों वे दो थानों की पुलिस के साथ धरना स्थल पर पहुंचे। पीड़ित परिवार से धरना समाप्त करने को कहा। रूपक की मां ने जब इंकार किया तो उनसे पुलिस का साथ न देने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।