
प्रदेश में बेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत निगम द्वारा 666 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। बदायूं, मेरठ, नोएडा, बाराबंकी और मुजफ्फरनगर में ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जाएगा। इससे 8 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं को ओवरलोड और फाल्ट से राहत मिलेगी।Read Also:-उत्तर प्रदेश बिजली उपभोक्ता : जानिए कैसे हेल्पलाइन नंबर पर मैसेज (Message) भेजने से होगा बिजली उपभोक्ताओं की समस्या समाधान
यहां यह लाभ इस गर्मी में नहीं मिलेगा। ट्रांसमिशन लाइन निर्माण में समय लगता है, इसलिए 2023 से पहले यह लाभ मिलना मुश्किल होगा। हालांकि, अधिकारी इस पर सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण के अलावा एबीटी मीटर लगाने और हाई वोल्टेज लाइनों पर ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का काम भी किया जाएगा। मंगलवार को हुई एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसमें 220 केवी क्षमता की तीन ट्रांसमिशन लाइनें बनाई जाएंगी।
इसे बदायूं रोड बरेली, मवाना मेरठ, सेक्टर-62 नोएडा में बनाया जाएगा. इसके अलावा 132 केवी क्षमता की दो पारेषण लाइनें बनाने का निर्णय लिया गया है। इनमें रामनगर बाराबंकी और बुढाना मुजफ्फरनगर शामिल हैं।
इन सभी की कीमत 369.51 करोड़ रुपये आंकी गई है। अधिकारियों का दावा है कि इन उपकेंद्रों के बनने से बरेली, मेरठ, नोएडा, बाराबंकी और मुजफ्फरनगर जिलों की बिजली आपूर्ति में गुणात्मक सुधार होगा। इसके बनने से उपभोक्ताओं को लो-वोल्टेज आदि समस्याओं से राहत मिलेगी।
296.58 करोड़ रुपये से सुधरेगी बिजली लाइन
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि इसके अलावा एबीटी मीटर लगाने और 132 केवी और उच्च वोल्टेज लाइनों पर ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की योजना को मंजूरी दी गई है।
इसकी कुल लागत 296.58 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन परियोजनाओं के लागू होने के बाद रियल टाइम मीटरिंग डाटा और ग्रिड प्रबंधन सुचारू रूप से होगा, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना संभव होगा।

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