
उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती पर सीएम के सख्त निर्देश के बाद मंगलवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा भी बिजली कटौती पर सख्त नजर आए। अधिकारियों को बताया कि मुख्यमंत्री ने रोस्टर (अनुसूची) के अनुसार सभी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए हैं। इसके पालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही और ढिलाई बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने मंगलवार शाम शक्ति भवन से मध्यांचल व दक्षिणाचल विद्युत वितरण निगम की समीक्षा की। रोस्टर के मुताबिक इस बैठक का एजेंडा बिजली और उपभोक्ताओं की शिकायतों का निस्तारण करना था।Read Also:-आप के काम की बात: अगले 5 महीने तक मुफ्त में राशन चाहिए तो जल्दी करें ये काम, होंगे जबरदस्त बेनिफिट्स
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि गर्मी तेज है, इसलिए अनावश्यक बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रबंधकीय चूक के कारण राज्य में बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। जिसके लिए DISCOMs के MD, मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंताओं को अपनी कार्य संस्कृति में सुधार करना होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि व्यवस्था में सुधार के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लें और अपने सुझावों पर अमल करें। सरकार की मंशा उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना है। लोगों की समस्याओं का भी ईमानदारी से समाधान किया जाए।
शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं के बिल का भुगतान नहीं करने पर होगी कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री ने जिलों के अधीक्षण अभियंताओं से बिजली आपूर्ति की जानकारी ली। यह भी पूछा कि बिल कितने फीसदी उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। बिल नहीं मिलने की सूचना मिलने पर शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बिलिंग शत-प्रतिशत होनी चाहिए। हर उपभोक्ता को हर महीने का बिल मिले। शत-प्रतिशत उपभोक्ताओं को बिल नहीं देने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बड़े बकाएदारों को निशाने पर लिया जाए और बकाया की वसूली की जाए। जो भी बड़ा डिफॉल्टर है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। बड़े शहरों खासकर लखनऊ को बिजली के तारों के जाल से मुक्त कराने को कहा।
1912 को राज्य स्तरीय बनाने का निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने विभाग के कॉल सेंटर नंबर 1912 को राज्य स्तर पर बनाने के भी निर्देश दिए ताकि उपभोक्ता राज्य के किसी भी हिस्से से कहीं भी इस नंबर पर कॉल कर अपने घर या मोहल्ले की बिजली से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकें और साथ ही समाधान करवा सकें। फिलहाल इस नंबर की सेवाएं वितरण कंपनियों के क्षेत्र तक सीमित हैं। पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज और प्रबंध निदेशक पंकज कुमार को बताया गया कि रोस्टर के अनुसार बिजली उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। बिजली ट्रिपिंग को कम से कम करने के लिए भी ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि जब तक बिजली की आपूर्ति की जा रही है, यह निर्बाध बनी रहे।
अध्यक्ष ने एसएलडीसी का निरीक्षण किया
वहीं दूसरी ओर यू.पी. बिजली निगम के अध्यक्ष एम. देवराज ने गोमती नगर स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) का निरीक्षण किया। गौरतलब है कि राज्य की बिजली, बिजली की उपलब्धता, आपूर्ति का डाटा एसएलडीसी से ही मेंटेन किया जाता है. पावर एक्सचेंज से बिजली की खरीद भी एसएलडीसी के जरिए की जाती है।

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