
दिल्ली में कोरोना की रफ्तार धीमी होने के बाद आज हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में पाबंदियों से काफी राहत मिली है। डीडीएमए ने वीकेंड कर्फ्यू खत्म करने का फैसला किया है। हालांकि पहले की तरह रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा। बाजारों से ऑड-ईवन हटेगा।Read Also:-दिल्ली: महिला का किया अपहरण, बदले के लिए किया लड़की से गैंगरेप, बाल काटे, पहनाई जूते की माला और चेहरे पर कालिख पोतकर गलियों में घुमाया; देंखे वीडियो
इसके अलावा 50 प्रतिशत क्षमता के साथ रेस्टोरेंट, बार और सिनेमा हॉल खोले जाएंगे। अब शादी में 200 लोग शामिल हो सकेंगे। वहीं, डीडीएमए की अगली बैठक में स्कूल खोलने पर फैसला लिया जाएगा। दिल्ली में सरकारी दफ्तरों को भी 50 फीसदी क्षमता के साथ खोलने की इजाजत दे दी गई है।
डीडीएमए के निर्णयों को डीडीएमए द्वारा औपचारिक आदेश जारी होने के बाद लागू किया जाएगा। औपचारिक आदेश प्रतिबंधों पर और स्पष्टता प्रदान करेगा। एक सूत्र ने बताया, ‘बैठक में मौजूदा पाबंदियों पर विस्तार से चर्चा हुई, लेकिन यह तय किया गया है कि सरकार सभी पाबंदियों को एक बार में खत्म नहीं कर सकती। प्रतिबंधों में चरणबद्ध तरीके से छूट दी जाएगी। अगली बैठक में स्कूलों को फिर से खोलने सहित अन्य प्रतिबंधों की समीक्षा की जाएगी।
आपको बता दें कि दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से संक्रमण दर में गिरावट आ रही है। राजधानी में बुधवार को कोरोना के 7,498 नए मामले सामने आए। डीडीएमए ने गुरुवार को अपनी बैठक में दिल्ली की मौजूदा कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा की। इसमें स्वास्थ्य विशेषज्ञ, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, आईसीएमआर के डीजी प्रोफेसर बलराम भार्गव और शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। उधर, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बैठक की अध्यक्षता की।
दिल्ली सरकार स्कूलों को फिर से खोलने पर जोर दे रही है क्योंकि बड़ी संख्या में बच्चों के माता-पिता अपनी पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। दिल्ली में 28 दिसंबर से स्कूल बंद हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा था कि स्कूलों को फिर से खोलना जरूरी है क्योंकि महामारी के कारण स्कूलों को बंद करने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। डीडीएमए की बैठक में भी आप सरकार ने इस बात पर जोर दिया था।
दिल्ली में 11 जनवरी को निजी दफ्तरों को बंद करने का आदेश आया था। इससे एक दिन पहले दिल्ली में सभी गैर-जरूरी गतिविधियों को बंद कर दिया गया था, जैसे रेस्टोरेंट में बैठकर खाना खाने पर रोक लगा दी गई थी। इससे पहले 28 दिसंबर को कोरोना के मामले बढ़ने पर स्कूलों और जिम को बंद करने का आदेश दिया गया था।
21 जनवरी को, डीडीएमए ने निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत ऑन-साइट स्टाफिंग क्षमता के साथ फिर से खोलने की अनुमति दी। हालांकि राजधानी में जारी वीकेंड और नाइट कर्फ्यू जारी रहा। डीडीएमए का यह आदेश ऐसे समय आया है जब दिल्ली सरकार लगातार कोविड मामलों की कम संख्या के चलते पाबंदियों को वापस लेने की मांग कर रही है। डीडीएमए के एक अधिकारी ने प्रतिबंधों को जारी रखने के प्राधिकरण के फैसले को सही ठहराया था क्योंकि 21 जनवरी को सीओवीआईडी -19 संक्रमण दर 18 प्रतिशत थी।
दिल्ली का व्यापारी वर्ग डीडीएमए के फैसले का विरोध कर रहा था और मांग कर रहा था कि प्रतिबंध तुरंत हटाए जाएं। कई ट्रेड यूनियनों ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर प्रतिबंध वापस लेने की मांग की थी। इस बीच मंगलवार को दिल्ली भाजपा नेताओं ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और सप्ताहांत और रात के कर्फ्यू को वापस लेने की मांग की। साथ ही सम-विषम प्रतिबंधों को भी हटाया जाए।