Sunday, May 28, 2023
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क्या कपिल देव और गौरव स्वरूप के बीच तालमेल बिठा पाएंगे संजीव बालियान?

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— अनिल रॉयल

मुजफ्फरनगर नगर पालिका की नवनिर्वाचित अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने आज नगर पालिका की कमान संभाल ली. सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने उन्हें शपथ दिलाई। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान, राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत सहित शहर के कई प्रमुख चेहरे वहां मौजूद रहे. गौरव स्वरूप अपने नगर निगम चुनाव प्रचार में लगातार कहते रहे हैं कि वह नगर पालिका को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहते हैं, इसलिए उन्हें वोट दें. शहर की जनता ने उन्हें इस कुर्सी पर बैठने के लिए वोट दिया है, अब उम्मीद है कि वह उनकी घोषणा पर अमल करेंगे. नवनिर्वाचित अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप को नगर पालिका अध्यक्ष बनने पर बहुत-बहुत बधाई और वह वास्तव में शहर में स्वच्छता और विकास की गति को बढ़ाएगी, शहर की जनता की ओर से भी उनसे यही अपेक्षा है!

आज मीनाक्षी स्वरूप के नए अध्यक्ष बनने के समय वह वीडियो भी सामने आ जाता है, जो मीनाक्षी स्वरूप के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन का है. उस उद्घाटन समारोह में बुढ़ाना के पूर्व विधायक उमेश मलिक ने राज्य के मंत्री और मुजफ्फरनगर के विधायक कपिल देव अग्रवाल पर सीधा हमला करते हुए आरोप लगाया कि कपिल देव शहर में किसी को भी नगर पालिका नहीं चलाने देंगे. बाद में अपने भाषण में कपिल देव ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि अधिकांश नगर परिषद उनकी विधानसभा का हिस्सा है, इसलिए नगरपालिका उन्हीं के अनुसार चलेगी।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने उस वक्त मामले को संभालने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने भी अपने भाषण में पिछले 10 साल को नगर पालिका का ‘भ्रष्टाचार का युग’ बताया था. संजीव बालियान शायद भूल गए थे कि 10 साल में वह समय भी गिन रहे थे जब अपनी ही पार्टी में शामिल हुईं अंजू अग्रवाल अध्यक्ष थीं और संजीव अग्रवाल ने ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराया था.

संजीव बालियान की मानें तो अंजू अग्रवाल के नगर पालिका में कार्यकाल में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ, तो उस महिला को अब तक भारतीय जनता पार्टी से क्यों नहीं निकाला गया? आज जब बीजेपी के नए अध्यक्ष शपथ ले रहे थे तो संजीव बालियान ने मंच पर ही अंजू अग्रवाल को अपने बराबर की कुर्सी क्यों दे दी? ऐसा कोई प्रोटोकॉल नहीं है कि नए चेयरमैन की शपथ में पुराने चेयरमैन को ही बुलाया जाए। आखिर केंद्रीय मंत्री को भ्रष्ट कहने वाले बीजेपी का महिमामंडन क्यों कर रही है? मोदी- अगर योगी राज में जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन की बात होती है तो या तो अंजू बेईमान नहीं है, अगर है तो पार्टी में और मंच पर क्यों है?

पिछले कुछ समय से मुजफ्फरनगर के राजनीतिक गलियारों में यह आम बात है कि केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान और राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के बीच संबंध मधुर नहीं हैं. ऐसे कई किस्से सामने आए हैं जब दोनों मंत्री अलग-अलग पक्षों की सिफारिश करते देखे गए हैं और कई बार ऐसा भी हुआ है कि डॉ. बाल्यान सरेआम कपिल देव पर बरसे हैं. ऐसे में जैसा कि डॉ. संजीव बालियान चुनाव कार्यालय के उद्घाटन के समय कह रहे थे कि क्या वह तीनों का तालमेल बिठाकर शहर का विकास कर पाएंगे? इस लेख को पढ़ने से पहले रॉयल बुलेटिन आप भी देखें उनका वह वीडियो-

मुजफ्फरनगर नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए गौरव स्वरूप परिवार के टिकट की घोषणा चुनावी अधिसूचना के बाद ही हुई है, लेकिन सभी जानते थे कि गौरव स्वरूप का टिकट पक्का है. कई महीने पहले गौरव स्वरूप की मौजूदगी में मैंने खुद कपिल देव को सॉलिटेयर होटल के एक समारोह में कहा था कि गौरव का टिकट पक्का है, अगर गौरव चुनाव जीत गए तो मुजफ्फरनगर की राजनीति में आपका क्या होगा मंत्री जी?

स्वर्गीय विद्याभूषण के बाद मुजफ्फरनगर की वैश्य राजनीति में एक बड़ा शून्य हो गया, पिछले 40 वर्षों में कई वैश्य विधायक बने, सोमांश जी बने, अशोक कंसल, सुशीला अग्रवाल बने, कपिल भी 3 बार बने, लेकिन स्वरूप परिवार शहर की राजनीति में मजबूती से . अपनी स्थिति बनाए रखें। 6 चुनाव हारने के बाद भी यह परिवार मुजफ्फरनगर की राजनीति में प्रासंगिक बना हुआ है. इस बार पार्टी बदली और जीत फिर से स्वरूप परिवार के घर आई और वह भी उस पार्टी के टिकट पर, जिसका शहर में बहुत बड़ा जनाधार है। ऐसे में सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि गौरव की जीत का कपिल देव के राजनीतिक भविष्य पर क्या असर पड़ेगा.

यह बात पूरे शहर को पता है कि कपिल देव अग्रवाल से जुड़े लोग गौरव स्वरूप को नगर निकाय चुनाव में हराने में लगे थे. टिहरी सरिए व एमजी पब्लिक स्कूल के मालिक सतीश गोयल के बारे में रॉयल बुलेटिन उन्होंने नोटा का बटन दबाने की खबर भी छापी थी. वैसे तो सतीश गोयल दोनों मंत्रियों के करीबी हैं, लेकिन कपिल देव से उनके रिश्ते काफी मजबूत हैं और कपिल की वजह से ही संजीव बालियान भी एमजी पब्लिक स्कूल के मामले में सतीश गोयल की तमाम सिफारिशें करते रहे हैं. सतीश गोयल ने खुद कई लोगों के सामने स्वीकार किया है कि उन्होंने और उनके समर्थकों ने नोटा को वोट दिया है. हाल ही में एमजी पब्लिक स्कूल विवाद में मुख्यमंत्री कार्यालय से दो आदेश जारी किए गए हैं, जिसमें स्कूल से जुड़े मामलों की पूरी जांच की जाएगी और जो भी तथ्य हैं, उन पर शासन स्तर से सख्त कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं.

संजीव बालियान और कपिल देव अग्रवाल के बीच बाहरी रिश्ते को आप कैसे देखते हैं, लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो दोनों के रिश्ते अंदर से ठीक नहीं हैं। यह बात दोनों ही जानते हैं, उनके करीबी भी जानते हैं। निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे में भी यह साफ नजर आ रहा है। कई महीने पहले जब संजीव बालियान ने गौरव स्वरूप को टिकट दिलाने का फैसला किया था तो उन्होंने गौरव को कपिल देव अग्रवाल से मिलने और संबंध ठीक करने की सलाह दी थी. गौरव ने कपिल को फोन भी किया था और मिलने का समय मांगा था, जिस पर कपिल देव खुद गौरव के घर गए, दोनों ने काफी देर बैठकर चुनाव के बारे में चर्चा की और मदद का वादा किया।

चुनाव के बीच-बीच में अलग-अलग सूत्रों से साफ खबरें आती रहीं कि कपिल चाहे कुछ भी कहें, लेकिन कपिल के कई लोग नहीं चाहते कि गौरव जीते, गौरव की अपनी रणनीति थी, मैनेजमेंट था, गौरव की जीत हुई, ऐसे में ये सामने संजीव बालियान का बड़ा सवाल यह होगा कि वह कपिल देव और गौरव के बीच सुलह कैसे करा पाते हैं?

राजनीति की थोड़ी बहुत समझ रखने वाले इस शहर में हर कोई जानता है कि जैसे-जैसे गौरव भाजपा की राजनीति में ऊपर उठेगा, भारतीय जनता पार्टी में कपिल देव का कद कम होता जाएगा और कपिल देव भी अब राजनीति में इतने कमजोर खिलाड़ी नहीं रहे कि वे कीर्ति बढ़ाने की कोशिश करें अपने कंधे पर बिठाकर संजीव बालियान ऐसी स्थिति में कैसे सामंजस्य बिठा पाते हैं, यह उनके राजनीतिक कौशल की भी परीक्षा होगी.

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