मेरठ 26 जनवरी (प्र)। पर्यावरण और स्वच्छता क्लब ने बायोटेक्नोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग, एमआईईटी में बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के तहत छात्राओं के लिए मासिक धर्म स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया।
कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कंचन मलिक, आयुष पीयूष गोयल, वरिष्ठ समाजसेवी विपुल सिंघल, प्राचार्य डॉ. असद आमिर व मीडिया प्रमुख अजय चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
क्लब के निदेशक आयुष गोयल व पीयूष गोयल ने कहा कि बेटियां हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। मां दुर्गा का साक्षात रूप होती हैं बेटियां। बेटियों को किसी से कमजोर नहीं समझना चाहिए। बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए समाज में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना होगा।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कंचन मलिक ने कहा कि महिलाओं को स्वयं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना जरूरी है। इसलिए स्वास्थ्य जागरूकता के लिए सबसे पहले लड़कियों और महिलाओं को अपनी झिझक तोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि केवल भरपेट भोजन ही पौष्टिक नहीं होता, बल्कि प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम और अन्य खनिज युक्त पौष्टिक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। भारत में 46 फीसदी बेटियां एनीमिया की शिकार हैं। एनीमिया से बचाव के लिए अनार, खजूर, सूखे खाद्य पदार्थ, दूध, पनीर आदि को शामिल करें।
वरिष्ठ समाजसेवी विपुल सिंघल ने बताया कि उक्त कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं व महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना है। लड़कियां और महिलाएं स्वस्थ रहेंगी तो परिवार स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और पोषण की जानकारी देना बहुत जरूरी है।
इस कार्यशाला के दौरान छात्राओं व शिक्षिकाओं ने पोषण व व्यक्तिगत स्वास्थ्य से संबंधित प्रश्न पूछे। उनकी शंकाओं का समाधान वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कंचन मलिक ने किया। इस दौरान डॉ. हिरदेश कुमार, डॉ. सोनिया शर्मा, डॉ. शिप्रा चौधरी, डॉ. दिव्या चौधरी, डॉ. नेहा भदौरिया, डॉ. अभिनव सिंह मौजूद रहे। मंच संचालन डॉ. अंजलि राठी ने किया।
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