
देश में जल्द ही ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट सेवा शुरू हो सकती है। इसके लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने टेस्टिंग शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक इसे यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लाइट नाम दिया जा सकता है।Read Also:-सोनी वायरलेस नेकबैंड स्पीकर: इसको कानो में नहीं लगतया जाता दूसरे नेकबैंड की तरह, नेकबैंड गले को टच करते ही आवाज आती है; इससे कॉल भी कर सकते हैं
सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में यूपीआई लाइट के जरिए ग्रामीण इलाकों में 200 रुपये तक की ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट की सुविधा दी जा सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 5 जनवरी को केवल 200 रुपये तक के ऑफलाइन डिजिटल भुगतान को मंजूरी दी थी। फिनटेक फर्म रेजरपे के अनुसार, मार्च 2021 को समाप्त तिमाही में कुल डिजिटल लेनदेन का 50 प्रतिशत टियर-2 और टियर- से था। 3 शहर। हालाँकि, गाँवों और कस्बों में, नकद भुगतान का महत्व अभी भी बना हुआ है।
दोतरफा परीक्षण
सूत्रों के मुताबिक, ऑफलाइन भुगतान के लिए जिन दो तरीकों का परीक्षण किया जा रहा है उनमें सिम ओवरले और ओवर-द-एयर (ओटीए) शामिल हैं। सिम ओवरले बिना इंटरनेट के भुगतान और अन्य सेवाओं के लिए सक्षम बनाने के लिए सिम कार्ड की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। ओटीए फोन का ही एक फंक्शन है जो डिवाइस के फर्मवेयर को सीधे एक्सेस करने का समाधान प्रदान करता है। इसके अलावा नियर-फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी) जैसे विकल्पों की भी जांच की जा रही है।
फीचर फोन का भी भुगतान किया जा सकता है
एक अधिकारी के मुताबिक UPI Lite के लॉन्च होने के बाद बिना इंटरनेट के फीचर फोन से भी डिजिटल पेमेंट किया जा सकता है। हालांकि, भुगतान विकल्प के आधार पर फीचर फोन में सॉफ्टवेयर या सिम अपडेट करना होगा। यह काम टेलीकॉम कंपनी के स्टोर से आसानी से किया जा सकता है।
उपयोगकर्ता को UPI आईडी बनानी होगी
ऑफलाइन डिजिटल पेमेंट के लिए यूजर को वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) बनाना होगा। इसे आमतौर पर यूपीआई आईडी कहा जाता है। प्राप्तकर्ता के पास यह UPI ID भी होनी चाहिए। यह यूपीआई आईडी बैंक के आधार पर चार या छह अंकों की होगी।
2012 में भी की गई पहल
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 2012 में पहल की गई थी। तब एनपीसीआई ने यूपीआई भुगतान के लिए अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा (यूएसएसडी) नेटवर्क स्थापित किया था। यह एक एसएमएस आधारित सेवा थी। लेकिन तब यह सेवा एसएमएस की उच्च लागत के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोकप्रिय नहीं हो सकी। एनपीसीआई के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में यूएसएसडी पर 83 बैंक सक्रिय थे। जबकि पूरे 2021 में सिर्फ 1.21 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन हुए।

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