जिगर प्रतीकात्मक
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कम उम्र में ही लीवर डैमेज होने की शिकायतें अनियमित जीवनशैली और बेतरतीब खान-पान समेत कई कारणों से बढ़ रही हैं। इसमें शराब का अधिक सेवन और हेपेटाइटिस ए, बी, सी और डी के संक्रमण का सबसे बुरा असर लिवर पर पड़ता है। जिसकी वजह से पिछले कुछ सालों में लीवर डैमेज और लीवर कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अलीगढ़ में विभिन्न पैथोलॉजी में रोजाना 600 लीवर की जांच की जाती है।
लिवर हमारे शरीर का सबसे अहम अंग है, डॉक्टर इसे पावर हाउस कहते हैं। यह शरीर में जो कुछ भी जाता है उसे पचाने में मदद करता है, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, रक्त को फिल्टर करता है और हार्मोन बनाने के साथ-साथ ताकत भी बढ़ाता है। ऐसे में जरा सी लापरवाही लीवर के साथ-साथ शरीर पर भी कहर ढा सकती है। इसलिए इसकी देखभाल करना जरूरी है। थोड़ी सी भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और बेतरतीब खाने के साथ-साथ शराब से भी बचें।
स्वस्थ जीवन शैली के माध्यम से रोकथाम
सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी बताते हैं कि लीवर की समस्या होने पर स्वस्थ जीवनशैली से बचना संभव है। शरीर में होने वाले बदलाव हमें लिवर में समस्या का संकेत देने लगते हैं। अनुवांशिकी, गलत जीवनशैली और आहार, शराब, तम्बाकू का अत्यधिक सेवन, उच्च कोलेस्ट्रॉल आहार और हेपेटाइटिस संक्रमण इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। इससे बचने के लिए अच्छी नींद लेना जरूरी है। क्योंकि नींद की कमी मेटाबॉलिज्म (भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया) को प्रभावित करती है, जो सीधे लिवर से संबंधित बीमारियों का कारण बनती है। यही वजह है कि आजकल फैटी लिवर की समस्या आम हो गई है। दूषित पेयजल, संक्रमित रक्त, इंजेक्शन, लार या संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध आदि हेपेटाइटिस का कारण बनते हैं।
लीवर की जांच छोटी-छोटी बातों पर की जाती है
सिटी चीफ पैथोलॉजी डायरेक्टर डॉ. विवेक जैन बताते हैं कि हेपेटाइटिस ए, बी या सी के संक्रमण से लिवर की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस बी और सी के पुराने मामले लिवर कैंसर में बदल जाते हैं। हेपेटाइटिस के ज्यादातर मरीज यहां स्लम एरिया में चेकअप के लिए आते हैं। हर छोटे से छोटे संकेत पर लीवर की जांच की जाती है। जिसमें फैटी लिवर, सूजन, इंफेक्शन आम बीमारियां हैं। इसके अलावा हेपेटाइटिस और यहां तक कि कैंसर और लिवर खराब होने का भी डर रहता है।
लोगों को खान-पान में सुधार करना होगा। शराब और जंक फूड आज लिवर की बीमारी के प्रमुख कारण हैं। इससे बचना जरूरी है। स्लम क्षेत्रों में दूषित जल आपूर्ति पीलिया का कारण बनती है। जेएन मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नि:शुल्क जांच व नि:शुल्क दवा कार्यक्रम चलाया जाता है। लोग वहीं फायदा उठा सकते हैं। साथ ही समय पर इसका टीका लगवाएं। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर बच्चों को टीके भी नि:शुल्क दिए जाते हैं। बेवजह दवा लेने से बचें।-डॉ. नीरज त्यागी
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