नगर में सफाई व्यवस्था धड़ाम हो गई है। मोहल्लों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। बरसात के मौसम में सफाई नहीं होने के कारण संक्रामक बीमारी के फैलने का खतरा भी बना हुआ है। हालांकि पालिका की ओर से कूड़ा उठान के लिए कर्मचारियों की तैनाती और गाड़ी भेजी जाती है।
बावजूद इसके नगर में जगह-जगह कूड़े के ढेर दिखाई देना आम बात है। इससे पालिका की सफाई कराने के दावे की पोल खुल रही है। पालिका की ओर से नगर में सफाई के लिए प्रतिमाह 35 लाख रुपये खर्च किया जाता है। जब हालत इतनी बदतर है। वहीं पालिका चेयरमैन केवल सफाई कराने के दावे पेश कर रहे हैं।
बरसात के मौसम में गंदगी की वजह से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बना रहता है। इसके लिए स्थानीय निकाय और प्रशासन की ओर से सफाई के विशेष इंतजाम किए जाते हैं, लेकिन मवाना नगर में प्रति माह 35 लाख रुपये खर्च होने के बाद भी गली-गली गंदगी के अंबार दिखाई देना आम हो गया है। पालिका चेयरमैन रोजाना सफाई के दावे पेश कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति नरकीय है। जहां भी कूड़े के ढेर है वहां से निकलना मुमकिन नहीं है। गंदगी के कारण नागरिक मुहं को ढके बिना निकल नहीं सकते।