कोरोना संक्रमण से निजात को लेकर दुनियाभर के विज्ञानी अंधेरे में हैं, लेकिन आयुर्वेद ने उम्मीदें रोशन की हैं। पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने मुलायम सिंह यादव मेडिकल कालेज के कोविड वार्ड में भर्ती छह मरीजों पर क्लीनिकल केस स्टडी की। ये सभी 12 दिनों में निगेटिव हो गए। पतंजलि शोध संस्थान इस ट्रायल को अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजेगा।
मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डा. टीवीएस आर्य ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुक्त होने से मरीजों को 14 से 27 दिन तक लग सकते हैं। आयुर्वेद दवा से वायरस जल्द नष्ट हुआ। जयभीमनगर के 30 साल के युवक ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान सिर्फ आयुर्वेदिक दवा ली और जल्द ठीक हुआ। उसके साथ संक्रमित हुए सभी छह लोगों ने भी सिर्फ आयुर्वेदिक दवा ली।
आयुर्वेद से हारा वायरस
मेरठ में एक निजी अस्पताल में छह लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। इन्हें कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया। पतंजलि ने मरीजों की सहमति से क्लीनिकल केस स्टडी की। आचार्य ने बताया कि देशभर में पांच सौ कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर इस दवा का अध्ययन किया गया है। मरीजों को नाश्ते से एक घंटा पूर्व प्रत्येक नासिका में चार बूंद अणु तेल, दो गोली श्वासारि बटी, शुद्ध गिलोय बटी की दो गोली, शुद्ध अश्वगंधा और तुलसी घनवटी की एक-एक गोली गुनगुने जल के साथ दी गई। ये सभी मरीज 31 मई से 12 जून के बीच निगेटिव हो गए।