कोरोना महामारी के संकट के समय में मददगार के तौर पर इंडियन रेलवे अहम भूमिका निभा रहा है. एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण से यात्रियों को बचाने के लिए रेलवे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रहा है तो वहीं कोरोना मरीजों की देखभाल के लिए भी कदम उठा रहा है. भारतीय रेलवे ने कोरोना मरीजों को क्वारनटीन करने के लिए अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर कोच तैयार किए हैं. जिन्हें राज्य सरकारों के अनुरोध पर जरूरत के मुताबिक तैनात किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश कोविड-19 के मरीजों को रेलवे के आइसोलेशन कोच में रखने वाला पहला राज्य बन गया है. रेलवे के नॉन एसी डिब्बों से तैयार आइसोलेशन कोच को मऊ स्टेशन पर तैनात किया गया है. जिसमें अब तक कोविड-19 के 59 संदिग्ध मरीज इसमें भर्ती हुए हैं. रेल अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 8 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है. 51 संदिग्ध मरीज रेलवे के आइसोलेशन वार्ड के तौर पर तैयार इन विशेष गैर वातानुकूलित (Non AC) कोचों में भर्ती हैं.
रेलवे के मुताबिक रेलवे के कोरोना केयर सेंटर मरीजों की मूलभूत जरूरतों से लैस हैं. जिसमें नहाने के लिए शावर, मच्छरदानी, बायो टॉयलेट, प्लग, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य सुविधाएं शामिल हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मऊ रेलवे स्टेशन पर अधिकारी ने बताया कि बोगियों में बड़े आकार के पंखे लगाए गए हैं. इसके साथ ही हवा की निकासी की उचित व्यवस्था की गई है.गर्मी से बचाव और तापमान नियंत्रित करने के लिए कोचों की छत को विशेष वस्तु से ढंका जाएगा.
रेलवे के मुताबिक पांच राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कोविड मरीजों के देखभाल के लिए तैयार 960 डिब्बों को तैनात किया गया है.