मेरठ में कोरोना से हो रही मौत में आंकड़ेबाजी से मुख्यमंत्री नाराज हैं। अब अगर पोर्टल पर गलत आंकड़े डाले गए तो प्राचार्य और अधीक्षक जिम्मेदार होंगे। प्रमुख सचिव की ओर से निर्देश जारी हुए हैं कि सही आंकड़े ही पोर्टल पर डाले जाएं। उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत किए जाने वाले कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के मृत्यु संबंधित आंकड़े और वास्तविक रूप से घटित मृत्यु आंकड़ों में विरोधाभास होता है।
मुख्यमंत्री ने इस पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मृत्यु से संबंधित वास्तविक आंकड़े ही पोर्टल पर फीड किए जाएं। अगले 24 घंटों में इसे दुरुस्त कराकर जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए। जहां मृत्यु होती है वहां के चिकित्सा संस्थान के प्राचार्य, प्राइवेट एवं जिला अस्पताल के अधीक्षक को जिम्मेदार बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्तर से ही मरीज के गृह जनपद की सही जानकारी फीड किए जाने के भी निर्देश दिए। सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि अब शाम छह बजे से लेकर अगले दिन शाम छह बजे तक के आंकड़े ही पोर्टल पर फीड किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने हिदायत दी है कि नॉन कोविड मरीजों को इंतजार न कराएं। उन्हें तुरंत इलाज दिया जाए। इस संबंध में माह निदेशक चिकित्सा शिक्षा केके गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को पत्र लिखा है।निर्देश दिए कि वेंटिंग कम करने के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाए जाएं। रिपोर्ट में लगने वाले समय के कारण मरीज को इलाज से वंचित न किया जाए। कोविड केयर सेंटर के अंदर की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएं।