शनिवार शाम तक शासन और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में 14 लोगों की मौत और 19 मरीजों का फर्क चल रहा था। मेरठ स्वास्थ्य विभाग दोनों को ही कम दिखा रहा है। शासन के आंकड़ों में 75 मौत हैं और मेरठ में 61 मौत दिखा रहे हैं।
ऐसे ही शासन के आंकड़ों में 786 मरीज हैं और मेरठ के आंकड़ों में 767 मरीज। यह फर्क तब है, जबकि कई बार शासन और स्वास्थ्य विभाग अपने-अपने आंकड़े संशोधित कर चुके हैं।
प्रदेश में कोरोना से मौत में मेरठ दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर आगरा (79 मौत) है। मरीजों की संख्या में भी मेरठ प्रदेश में अब 5वें नंबर पर है।
पहले नंबर पर गौतमबुद्ध नगर, दूसरे पर आगरा, तीसरे पर कानपुर नगर और चौथे पर गाजियाबाद है। मौत के आंकड़ों में कानपुर में 34 और गाजियाबाद में 41 मौत हैं। गौतमबुद्धनगर में 18 मौत हैं। स्टेट कंट्रोल रूम और मेरठ स्वास्थ्य विभाग के कोरोना के मरीजों के आंकड़ों में काफी फर्क है।
आंकड़ों की इस बाजीगरी पर लगातार सवाल भी उठ रहे हैं। लेकिन यह अंतर लगातार चला आ रहा है, जिसमें सुधार नहीं हो रहा है।
इस संबंध में सीएमओ डॉ. राजकुमार का कहना है कि आंकड़ों का यह फर्क ऑडिट के बाद सही हो जाएगा। मेरठ स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े सही हैं। स्टेट के आंकड़े भी इसी हिसाब से अपडेट किए जाएंगे।
Source– अमर उजाला