उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना संक्रमण की एकल चरण जांच के लिए अधिकतम फीस 2500 रुपये निर्धारित की है। मांगे जाने पर इन प्रयोगशालाओं को गुणवत्ता ऑडिट के लिए नमूने चिकित्सा महाविद्यालयों और रेफरल प्रयोगशालाओं को उपलब्ध कराना होगा। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी कर दिया।
आदेश के मुताबिक, निजी प्रयोगशालाएं स्वयं एकत्र किए गए नमूने की एकल चरण जांच के लिए अधिकतम 2500 रुपए ले सकेंगी। सरकारी या निजी चिकित्सालयों द्वारा निजी प्रयोगशालाओं को भेजे जाने वाले नमूने की जांच पर अधिकतम 2000 रुपए लिए जा सकेंगे। इससे अधिक धनराशि लिए जाने पर एपिडेमिक डिजीज एक्ट और उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली का उल्लंघन मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि इससे पूर्व 23 अप्रैल को जारी शासनादेश में निजी प्रयोगशालाओं के लिए प्रथम चरण की जांच के लिए 1500 रुपए और द्वितीय चरण की जांच के लिए अधिकतम 3000 रुपए निर्धारित किया गया था।