रोजगार मेला: पढ़े-लिखों को मजदूरी में लगाया, प्रतिभागियों ने काम करने से किया इंकार

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मेरठ जिला प्रशासन ने प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए जिले की तीनों तहसीलों में रोजगार मेले का आयोजन किया। जिला प्रशासन का दावा है कि कुल 385 लोगों को रोजगार दिया गया।

हालांकि बुधवार को जिन प्रतिभागियों को सीडीओ ईशा दुहन ने ऑफर लेटर दिया था उन्होंने गुरुवार को मजदूरी का कार्य देखते हुए काम करने से इंकार कर दिया। इनमें से दो प्रतिभागी तो साइंस स्ट्रीम से 12वीं के साथ ही आईआईटी पास हैं।

दो दिन तक चले इस रोजगार मेले में सेवायोजन कार्यालय, जिला उद्योग केंद्र की सहायता से कंपनियों को बुलाया गया। एलआईसी एजेंट, जोमेटो आदि कंपनियों ने साक्षात्कार लिए।

इस मेले में प्रवासी श्रमिकों के अलावा अन्य लोगों ने भी भाग लिया। विभागों की तरफ से मेले में आने वाले प्रवासी श्रमिकों का डाटा भी अलग से उपलब्ध नही कराया गया।

रोजगार मेले में आए सभी लोगों को प्रशासन ने प्रवासी श्रमिक की श्रेणी में डाल दिया। जिले में आए एक हजार से अधिक प्रवासी श्रमिको को मनरेगा और रोजगार मेले से रोजगार मुहैया कराना था।

सेवायोजन कार्यालय के अनुसार राहत आयुक्त के पोर्टल पर प्रवासी श्रमिकों की सूची अपलोड कर दी गई थी, लेकिन इस सूची में काफी संख्या में प्रवासी श्रमिक  छूट गए थे। यह बात रोजगार मेले से एक दिन पहले हुई बैठक में  उठी थी। जिसमे ग्राम विकास अधिकारी ने अपने इलाके के प्रवासी श्रमिकों को सची में न शामिल होने की बात कही थी।

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