जैन तीर्थंकर श्री शांतिनाथ, श्री कुंतुनाथ और श्री अरहनाथ की जन्मस्थली हस्तिनापुर में स्वस्तिक स्वरूप अर्हं दर्शनम केंद्र का निर्माण शुरू होने जा रहा है। जंबूद्वीप, अष्टापद और कैलाश पर्वत के बाद यह भव्य केंद्र जनमानस के लिए ज्ञान, आस्था और आकर्षण का बड़ा केंद्र होगा।तीन हेक्टेयर भूमि में 100 करोड़ से अधिक लागत से बनने वाले स्वस्तिक स्वरूप केंद्र में श्रामन पद्धति से जीवन जीने की कला के साथ-साथ शांति प्राप्ति का बोध पांच क्रियाओं के माध्यम से कराया जाएगा।ऊं अर्हं तीर्थ ट्रस्ट और ऊं अर्हं सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के तत्वावधान में 27 फरवरी, शनिवार को शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य विधिवत प्रारंभ हो जाएगा। अर्हं श्री मुनि 108 प्रणम्य सागर महाराज के सानिध्य में सभी निर्माण कार्य पूर्ण होंगे। ऊपर से देखने यह केंद्र स्वस्तिक स्वरूप में दिखेगा। दिगंबर जैन महासमिति के उत्तर प्रदेश उत्तराखंड प्रवक्ता विनेश जैन ने बताया विश्व में अर्हं ध्यान का यह पहला केंद्र होगा।