प्राचार्य के फर्जी साइन कर गलत अनुभव प्रमाण पत्र के जरिए एक परीक्षक ने कैंपस में तीन सौ कॉपियां चेक कर डाली। मूल्यांकन समन्वयक ने शक होने पर अनुभव प्रमाण पत्र की जांच कराई तो मामला पकड़ा गया। विवि ने परीक्षक को फिलहाल मूल्यांकन से रोक दिया है। परीक्षक द्वारा चेक हुई कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन कराई जाएंगी। विवि परीक्षक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने पर भी विचार कर रहा है।
मामला आईएक्यूएसी में जारी मूल्यांकन केंद्र का है। यहां डॉ.अतुल गोयल समन्वयक हैं। कुलपति प्रो. एनके तनेजा, प्रोवीसी प्रो.वाई विमला और रजिस्ट्रार को भेजे रिकॉर्ड के अनुसार केंद्र पर अरुण कुमार इतिहास की कॉपियां चेक कर रहा था। अरुण ने रूरल गर्ल्स कम्पेटिटीव डिग्री कॉलेज में खुद को शिक्षक दिखाया हुआ है।
अरुण कुमार ने इस कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सुधीर कुमार का अनुभव प्रमाण पत्र पेश किया। डॉ. अतुल गोयल के अनुसार वह डॉ.सुधीर के हस्ताक्षर को पहचानते हैं। ऐसे में उन्हें शक हुआ और यह पत्र डॉ.सुधीर कुमार को भेजा गया। डॉ.सुधीर ने प्रमाण पत्र पर अपने हस्ताक्षर फर्जी बताए।
आरोप है कि पिछले साल भी अरुण कुमार ने ऐसा ही किया था। डॉ.अतुल गोयल के अनुसार पत्र मिलने के बाद अरुण को सेंटर से हटाते हुए उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। वहीं, विवि अरुण कुमार द्वारा जांची गई कॉपियों की दूसरे शिक्षक से जांच कराने जा रहा है।
परीक्षा नियंत्रक डॉ.अश्विनी कुमार के अनुसार फिलहाल परीक्षक को हटा दिया गया है। विवि जांच कर रहा है। यदि फर्जी हस्ताक्षर से कॉपी चेक करने की पुष्टि होती है तो कार्रवाई होगी।