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पश्चिम उत्तर प्रदेश की जलवायु प्रदूषित होने के कारण सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी, एनसीआर का AQI सबसे खराब

पश्चिम उत्तर प्रदेश की जलवायु प्रदूषित होने के कारण सांस के मरीजों की संख्या बढ़ी, एनसीआर का AQI सबसे खराब

दिवाली से एक हफ्ते पहले से बिगड़ी दिल्ली-एनसीआर में हवा में सुधार होता नहीं दिख रहा है। 18 नवंबर को भी गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर बना रहा। दिल्ली समेत एनसीआर के तीन शहरों की वायु गुणवत्ता भी गुरुवार को सबसे खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। इसका सीधा असर सांस के मरीजों पर पड़ रहा है। अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।Read Also:-लव मैरिज नाराज पिता ने बेटी से रेप कर मार डाला, भाई ने भी दिया साथ; बोला- तुझे **** चाहिए था, मैं भी तुझे **** दूंगा

किस शहर की वायु गुणवत्ता (AQI) क्या है?

गाजियाबाद356
दिल्ली344
नोएडा333
ग्रेटर नोएडा308
बागपत295
मेरठ276
बुलंदशहर271
आगरा262
हापुड़244

मेरठ में रोजाना 800 से 900 नए मरीज
मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में सांस संबंधी परेशानियों के चलते रोजाना करीब 800 से 900 मरीज आ रहे हैं। मेडिकल में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ अरविंद कुमार ने बताया कि सांस के करीब 40 फीसदी मरीज बढ़े हैं और इसमें बुजुर्गों की संख्या अधिक है।

गाजियाबाद में 15 दिन में साढ़े 9 हजार सांस के मरीज
गाजियाबाद के एमएमजी जिला अस्पताल में पिछले 15 दिनों में सांस की दिक्कत के करीब साढ़े नौ हजार मरीज इलाज के लिए पहुंच चुके हैं। 448 मरीजों की टीबी की जांच के बाद 56 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। अस्पताल में फिलहाल सांस के 180 मरीज भर्ती हैं। इसमें से कुछ को ऑक्सीजन दी जा रही है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संतराम वर्मा ने बताया कि प्रतिदिन 400-500 मरीज सांस संबंधी दिक्कतों से जुड़े आ रहे हैं। प्रदूषण के कारण सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है।

नोएडा, आगरा, अलीगढ़ में भी बढ़े मरीज
नोएडा में प्रदूषण के चलते सांस के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। यहां विभिन्न अस्पतालों में सिर्फ सांस की बीमारी से जुड़े 300 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। यही हाल अलीगढ़ और आगरा के अस्पतालों का है। डॉक्टरों का कहना है कि सांस लेने में तकलीफ के कारण मरीजों को इनहेलर देना पड़ता है।

20 दिन में लगा 2.47 करोड़ रुपए जुर्माना
यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गाजियाबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने 23 अक्टूबर से 13 नवंबर के बीच प्रदूषण फैलाने वाली 45 इकाइयों पर 2 करोड़ रुपये 47 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया कि 50 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। महालक्ष्मी बिल्डटेक, इंदिरापुरम के इंपीरियल हाइट के प्रमोटर, मोदीनगर के लार्सन एंड टर्बो लिमिटेड और इंदिरापुरम पर लगाया गया है।

प्रदूषण फैलाने पर 114 इकाइयों को नोटिस
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम ने गाजियाबाद में प्रदूषण फैलाने वाली 114 इकाइयों को नोटिस जारी किया है। इसमें ब्लीचिंग, फोर्जिंग, कास्टिंग और डाई की अधिकांश इकाइयां शामिल हैं। निगम ने ऐसी इकाइयों का सर्वेक्षण करने के लिए एक टीम भी बनाई है। यह टीम यूनिटों में जाकर वहां प्रदूषण की स्थिति देखेगी और अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देगी। यह जानकारी निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश झा ने दी।

वायु गुणवत्ता सूचकांक का मानक

AQIमानक
0-50अच्छा
51-100संतोषजनक
101-200थोड़ा प्रदूषित
201-300खराब
301-400बहुत खराब
401- 500खतरनाक
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