
इलाहाबाद हाईकोर्ट से उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और मीट कारोबारी हाजी याकूब कुरैशी को बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने मेरठ में दर्ज एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी। बसपा नेता के पर्याप्त आधार पेश नहीं करने पर अदालत ने याचिका खारिज कर दी। इसी के साथ हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद याकूब कुरैशी और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ना तय है, क्योंकि इसके बाद पूरे परिवार पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।Read Also:-मेरठ : 10 मई को होगा ऐतिहासिक नौचंदी मेले का उद्घाटन, छात्र करेंगे दुकानों पर चित्रकारी, लोक चित्रकारी से सजेंगी नौचंदी मेले की दुकानें
मामले की सुनवाई के दौरान हाजी याकूब कुरैशी के वकील मीट फैक्ट्री संचालित करने का प्राधिकार पत्र भी कोर्ट में पेश नहीं कर सके। वहीं कुरैशी के साथ उनके परिवार वालों ने भी याचिका दायर कर राहत की मांग की। एक ही याचिका में परिवार के कई सदस्यों के आवेदन को शामिल किया गया था। फिलहाल हाईकोर्ट ने किसी को भी राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने मामले में दखल देने से साफ इनकार कर दिया। जबकि मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की खंडपीठ में हुई।
पांच करोड़ का मीट हुआ था बरामद
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च को मेरठ विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने हाजी याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री में छापेमारी की थी, जिसमें पांच करोड़ का मीट बरामद किया गया था। इसके बाद उनके खिलाफ अवैध रूप से मीट फैक्ट्री चलाने के आरोप में पूरे परिवार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हाजी याकूब कुरैशी के साथ-साथ पत्नी संजीदा बेगम और दोनों बेटों (इमरान और फिरोज) के खिलाफ मेरठ के खरखोदा थाने में आईपीसी की धारा 420, 269, 27, 272, 273 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था। वहीं, हाजी याकूब कुरैशी और उसका परिवार 31 मार्च को मामला दर्ज होने के बाद से फरार है।
हाजी याकूब कुरैशी ऐसे सुर्खियों आये
हाजी याकूब तब सुर्खियों में आये जब उन्होंने एक डेनमार्क के कार्टूनिस्ट का सिर कलम करने वाले को 51 करोड़ का इनाम देने की घोषणा की। हाजी याकूब कुरैशी ने यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) नाम से एक अलग पार्टी बनाई थी, लेकिन बाद में वह बसपा में शामिल हो गए। साल 2007 में उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। बसपा सरकार ने उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा देकर मंत्री बनाया। 2012 के चुनाव में उनका टिकट कट गया था, जिसके बाद वह 2012 में ही रालोद में शामिल हो गए थे। इसके बाद वह कुछ दिन सपा में भी रहे, बाद में वे फिर बसपा में लौट आए।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।