थानों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने वाले मेरठ के एसएसपी ने सख्त रुख अपनाते हुए 75 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये पुलिसकर्मी लंबे समय से थानों में जमे थे इनमें से कई थानेदारों के खास थे तो कई भ्रष्टाचार जैसी गतिवितियों में शामिल थे। व्हाट्सएप पर मिली शिकायतों, सीओ और एसपी के इनपुट के बाद गोपनीय ढंग से 10 दिन तक हुई जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है।
लाइन हाजिर हुए इन पुलिसकर्मियों में एसओ-इंस्पेक्टर के नजदीकी से लेकर जीप के चालक तक शामिल हैं। अब इन पुलिसकर्मियों को बैंक ड्यूटी और बंदियों की पेशी में लगाया जाएगा। कार्रवाई की जद में कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी आए हैं, जो सुरागरशी के नाम पर पूरा दिन सादे कपड़ों में घूमते थे और सिर्फ थानेदारों के काम देखते थे। लिस्ट में 37 कांस्टेबल के नाम हैं। इसके अलावा 32 हेड कांस्टेबल, दो दारोगा और चार चालक हैं जो थाने की जीप पर चलते थे। इस कार्रवाई के बाद अगला नंबर भ्रष्ट इंस्पेक्टर और एसओ का माना जा रहा है।
10 लाख की कार, अलीशान कोठियां
मीडिेया रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से कई पुलिसकर्मी 10-12 लाख की कार मेंटेन करते हैं और लाखों रुपये के मोबाइल इस्तेमाल करते हैं। शहर की पॉश कॉलोनियों में आलीशान कोठियां बना ली हैं। बाकी संपत्ति भी जुटाई हुई है। ये स्थिति उन पुलिसकर्मियों के साथ ही है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार और थाने की ठेकेदारी की शिकायतें हैं।
SSP प्रभाकर चौधरी ने 18 जून को मेरठ का चार्ज संभाला था। आते ही उन्होंने भ्रष्टाचार पर नो टॉलरेंस नीति अपनाई थी और एक व्हाट्सएप नंबर जारी किया था। इस नंबर पर भी लगातार शिकायतें आ रही थी। इन शिकायतों के आधार पर इन पुलिसकर्मियों का रिकॉपूवर्ड खंगाला गया, पहले मिली शिकायतों को ट्रेस किया गया। एसपी और सीओ से भी जानकारी मांगी गई। जिसके बाद एसएसपी ने एक टीम गठित कर सभी 30 थानों के पुलिस कर्मियों की 10 दिन तक अपनी जांच कराई कि कौन पुलिसकर्मी कितने लंबे समय से तैनात है और उसकी क्या-क्या भूमिका शामिल है। जिसके बाद लाइन हाजिर किया है।
दिन में दो बार गणना होगी
SSP ने लिखा है कि इन सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से थानों से रिलीव किया जाए और पुलिस लाइन के RI के लिए निर्देश दिए हैं कि इन सभी पुलिसकर्मियों की पुलिस लाइन में सुबह और शाम गणना की जाएगी। इनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। और जो कार्य करेंगे उसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दिन में दो बार गणना होगी। और इनका यह कार्य मेडिकल या अन्य किसी भी प्रशिक्षण में जोड़ा नहीं जाएगा। सप्ताह में इनकी एसपी लाइन भी खुद मॉनिटरिंग करेंगे।
यह हैं चर्चित सिपाही
- कोतवाली थाने से हेड कांस्टेबल प्रशांत कुमार यह पिछले 10 साल से CO का गनर रहा। कुछ माह पहले ही CO अरविंद चौरसिया ने शिकायत मिलने पर हटाकर थाने भेजा। अवैध वसूली के आरोप लगे।
- लिसाड़ी गेट थाने में अमित कुमार, गयूर अली, मुबारक अली व योगेंद्र लंबे समय से जमे हुए थे। मुलजिम को लाना और सांठगांठ कर छोड़ना व तमाम आरोप लगे।
- Tp नगर थाने में ट्विंकल, आशु त्यागी की भी लंबे समय से शिकायत थी। कि यह थाने में मनमर्जी करते हैं और अवैध वसूली का आरोप लगे। आशु त्यागी पूर्व में STF मेरठ में रहा। जिसका मेरठ से ट्रांसफर किया गया। लेकिन बाद में सांठगांठ कर मेरठ में ही पोस्टिंग पाई।
- नौचंदी में हेड कांस्टेबल मुकेश कुमार लंबे समय से तैनात था। जिस पर पूर्व में चोरी के वाहन छोड़ने के बदले पैसा लेने के आरोप लगे।
- कंकरखेड़ा में तैनात सिपाही निकुंज यादव मेरठ पुलिस का सबसे चर्चित सिपाही रहा है। जो पूर्व में परतापुर और नौचंदी थाने में इंस्पेक्टर तपेश्वर के साथ रहा। तपेश्वर सागर कंकरखेड़ा में इंस्पेक्टर है तो निकुंज ने भी सांठगांठ कर कंकरखेड़ा में पोस्टिंग करा ली थी।
- भावनपुर में सिपाही अजीत मलिक पर भी गंभीर आरोप थे। जिस पर मुलजिम को छोड़ना। इंस्पेक्टर का चहेता बनकर मनमर्जी से किसी को भी हवालात में बंद करना और फिर पैसे लेकर छोड़ने के आरोप लगे थे।