कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, उससे हालात कभी भी बेकाबू हो सकते हैं। लोगों की लापरवाही के बीच प्रशासनिक इंतजामों में ढिलाई आग में घी का काम कर रही है। स्थिति यह है कि कोरोना गांव-गांव, गली-मुहल्लों में पैठ बना चुका है, श्मशान घाट में चिताएं लगातार धधक रही हैं और घर-घर तेज बुखार से लोग तप रहे हैं। इन बेकाबू होते हालातों के आगे स्वास्थ्य विभाग की बेबस का आलम यह है कि आक्सीजन और मैनपावर की किल्लत तो दूर की बात है, अदद कोरोना जांच किट का ही टोटा पड़ा हुआ है।कोरोना गाइडलाइन के पालन में हद से ज्यादा उदारता बरतना जिला प्रशासन के लिए गले की फांस बन सकता है। हालात मुट्ठी से फिसलते रेत की मानिंद लगातार बिगड़ रहे हैं। कोरोना जांच की डेली रिपोर्ट जिले में नए संक्रमितों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि की तरफ इशारा करती है। बुधवार को कोरोना मीटर ने जहां जिले में सक्रिय केसों की संख्या 853 दर्शायी वहीं 24 घंटे में 62 नए मामले सामने आने की तस्दीक की।