
केंद्र सरकार ने 25 अगस्त को गन्ना की FRP (Fair & Remunerative Price) प्रति क्विंटल कीमतें 5 रुपए बढ़ा दी हैं। गन्ना किसानों से गन्ना खरीदने वाली चीनी मिलों को यह कीमत चुकानी होगी।

केंद्र सरकार ने 25 अगस्त को गन्ना की FRP (Fair & Remunerative Price) प्रति क्विंटल कीमतें 5 रुपए बढ़ा दी हैं। गन्ना किसानों से गन्ना खरीदने वाली चीनी मिलों को यह कीमत चुकानी होगी। अगले मार्केटिंग ईयर से गन्ने की कीमत 285 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 290 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगी। आपको बता दें कि बीते सीजन में केंद्र सरकार ने एफआरपी को 10 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 285 रुपये कर दिया था। चीनी वर्ष अक्टूबर से शुरू होता है और अगले साल सितंबर में खत्म होता है।

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने मार्केटिंग ईयर 2021-2022 के लिए गन्ने की FRP (Fair and Remunerative Price) बढ़ाने का फैसला किया है। गन्ने का मार्केटिंग ईयर अक्टबूर -सितंबर है। मौजूदा मार्केटिंग ईयर 2021-22 के लिए सरकार ने गन्ने की FAR 290 रुपए प्रति क्विंटल तय कर दिया है।

सरकार ने कहा कि जिन गन्नों की रिकवरी रेट 10 फीसदी होगी उनकी कीमत 290 रुपए प्रति क्विंटल तय की गई है। इसके बाद जैसे-जैसे रिकवरी बढ़ेगी कीमत ज्यादा होगी। 10 फीसदी के बेसिक रिकवरी 0.1 फीसदी ज्यादा रिकवरी होने पर प्रति क्विंटल गन्ने की कीमत पर 2.90 रुपए का प्रीमियम होगा। यानी तब कीमत 292.90 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगी।

इसके साथ ही सरकार ने कीमत घटाने का भी प्रावधान किया है। अगर प्रति क्विंटल गन्ने की रिकवरी 10 फीसदी के बेसिक लेवल से 0.1 फीसदी कम होगी तो प्रति क्विंटल कीमत में भी 2.90 रुपए की कमी आ जाएगी। यह कीमत उन मिलों के लिए है जहां रिकवरी 10 फीसदी से नीचे लेकिन 9.5 फीसदी से ज्यादा है। हालांकि 9.5 फीसदी से कम रिकवरी के लिए सरकार ने प्रति क्विंटल गन्ने की कीमत 275.50 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। रिकवरी के मायने हैं कि गन्ने से कितनी चीनी निकल पाती है।

सरकार की नीतियों के कारण गन्ना किसानों को उपज की अच्छी कीमत मिलेगी। गन्ने का FRP मूल्य 290 रुपये प्रति क्विंटल होने से किसानों को लागत का 87% रिटर्न मिलेगा। इथेनॉल उत्पादन, चीनी निर्यात को बढ़ावा, बफर स्टॉक के माध्यम से शुगर इंडस्ट्री को पैसा देना, इस प्रकार के निर्णयों से सुनिश्चित किया गया कि गन्ना किसानों को समय से भुगतान मिले।

बकाया गन्ना भुगतान
पीयूष गोयल ने कहा कि शुगर ईयर 2020 – 21 में गन्ना किसानों को 91,000 करोड़ का भुगतान करना था, जिसमें से 86,000 करोड़ का भुगतान हो चुका है। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार की योजनाओं के कारण गन्ना किसानों को अपने भुगतान के लिये इंतजार नही करना पड़ता है। केंद्र सरकार ने किसानों, और उपभोक्ता के हितों को संभाला है, ताकि किसानों को समय से गन्ने का भुगतान हो, और उपभोक्ता को महंगी चीनी ना खरीदनी पड़े।
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